E-learning से पढ़ना हुआ आसान, घर बैठे करें स्टडी


भारत की 31 प्रतिषत आबादी इंटरनेट का इस्तेमाल बखूबी करना जानती है। चूंकि, यूवा आबादी ज्यादा है और इंटरनेट से भली-भांति परिचित है, उन्हें इंटरनेट के जरिए पढ़ाई करना ज्यादा आसान लगता है। केपीएमजी और गूगल की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पिछले तीन सालों में ऑनलाइन एजूकेशन की डिमांड 8 गुना ज्यादा बढ़ गई है। प्रथम टेस्ट प्रेप के निदेशक, अंकित कपूर ने बताया कि कम्पटीशन के इस दौर में, छात्रों को मेरिट और प्रवेश आधारित दोनों विकल्पों के लिए तैयारी की आवश्यकता होता है। इस दौरान, छात्र जिस चीज से सबसे ज्यादा परेशान होते हैं, वह है टाइम मैनेजमेंट। सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि, इस स्थिति में समय को कैसे मैनेज करें और तनाव को कैसे कम किया जाए। इस सवाल का एक ही जवाब है और वो है 'ई-लर्निंग'।ई-लर्निंग की मदद से आप घर बैठे तैयारी कर सकते हैं। इसकी मदद से आप एक चीज को कभी भी पढ़ सकते हैं और उसका रिवीजन भी कर सकते हैं। यहां तक कि आप ऑनलाइन मॉक टेस्ट के जरिए अपनी तैयारी का मुल्यांकन भी कर सकते हैं। यदि इंटरनेट का सही इस्तेमाल किया जाए तो बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना किया जा सकता है।


इंटरनेट के जरिए न सिर्फ छात्रों को पढ़ने में आसानी होती है बल्कि उनका समय भी बचता है, क्योंकि हर सवाल का जवाब आसानी से मिल जाता है। लैपटॉप और स्मार्ट फोन्स का इस्तेमाल बिल्कुल आसान है, जिसके कारण इंटरनेट की सुविधा और आसान और आकर्षित बन जाती है। आज के समय में ट्रैवल करना बहुत मुश्किल होता है और इसमें समय की बर्बादी भी होती है, जबकी इंटरनेट ने इस समस्या का भी हल निकाल दिया है। अब छात्र बिना कहीं जाए, घर पर ही पढ़ाई कर सकते हैं। बचे हुए समय का उपयोग अन्य जरूरी चीजों के लिए किया जा सकता है। पिछले कुछ सालों में, भारत के लोगों ने ऑनलाइन एजूकेशन को खुले दिल से अपनाया है। अपने स्किल्स के विकास के लिए छात्र ई-लर्निंग का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। इस ट्रेंड से यह साफ दिखाई देता है कि आने वाले कुछ सालों में इंटरनेट यूजर्स की संख्या में भारी वृद्धि होगी।  अंकित कपूर ने बताया कि छात्रों में बढ़ते कम्पटीशन को लेकर पहले से ही गंभीरता होनी चाहिए, जिससे वे समय की मांग को पूरा कर सकें। ऐसे समय में ऑनलाइन क्लासेस उभर कर सामने आती हैं।